आशीष अग्रवाल, घोड़ाडोंगरी (Gangaur Festival)। नगर में गणगौर महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। होली के दिन से मनाए जा रहे इस इस त्यौहार का समापन गणगौर माता का भव्य जुलूस निकालकर किया गया। इस मौके पर ढोल बाजे के साथ नगर में भ्रमण कर गणगौर माता को विदाई दी गई।
यहां के अग्रसेन भवन से शाम 4 बजे जुलूस निकाला गया। जो नगर के दुर्गा चौक सराफा चौक मालवीय मोहल्ला सेंट्रल चौक होते हुए गीता निकुंज पर पहुंचा। रास्ते भर बालिकाओं ने ढोल बाजे की गूंज पर नाच गाकर गणगौर उत्सव को सेलिब्रेट किया। महिलाओं ने भी विदाई गीत गाकर और एक-दूसरे का हाथ पकड़कर परंपरागत तरीके से डांस कर ईशर और गणगौर को विदाई दी। (Gangaur Festival)
भगवान शिव और पार्वती का स्वरूप ईशर और गणगौर के इस त्यौहार पर सभी में उत्साह देखते ही बनता था। जुलूस का सराफा चौक पर दीपचंद अग्रवाल द्वारा स्वागत किया गया। गणगौर माता को विदाई के साथ एक पखवाड़े से चल रहे गणगौर उत्सव का समापन हुआ। माना जाता है कि नव विवाहिताएं अपने वैवाहिक जीवन की मंगल कामना के साथ अपने विवाह के प्रथम वर्ष में गणगौर का पूजन कुंवारी कन्याओं के साथ करती हैं। (Gangaur Festival)
कन्याए भी अपने भाई की लंबी आयु और अच्छे पति की कामना के साथ ईशर और गणगौर का प्रतिदिन पूजन करती हैं। गणगौर त्यौहार लगभग 16 दिनों तक मनाया जाता है जिसमें प्रतिदिन का अपना अलग ही उत्साह रहता है। हर दिन एक नया इवेंट आयोजित किया जाता है। जिसका बड़े ही उत्साह के साथ गणगौर पूजन में शामिल महिलाएं एवं बालिकाएं आनंद लेते हैं। (Gangaur Festival)
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विदाई के दिन सुबह महिलाओं द्वारा गणगौर माता का पूजन कर अपने पति का नाम दोहे में लेकर गणगौर को पानी पिलाकर और सुहाग की सामग्री अर्पित कर पति की दीर्घायु की कामना करती है। घोड़ाडोंगरी नगर में गणगौर का यह पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया। (Gangaur Festival)