Sampada portal 2.0 : एमपी में शुरू हुई अनूठी सुविधा, घर बैठे हो रही रजिस्ट्री, खुद जारी कर सकते हैं ई-स्टाम्प

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Sampada portal 2.0 : मध्यप्रदेश में विकसित की गई ई-पंजीयन एवं ई-मुद्रांक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली का नवीन संस्करण 2.0 विकसित किया गया है। इससे नागरिकों को और बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में मदद मिली है। संपदा 2.0 से कोई भी व्यक्ति अब घर बैठे निर्धारित दस्तावेजों का पंजीयन कर सकता है। इसके लिये विभागीय पोर्टल https://sampada.mpigr.gov.in पर कोई भी व्यक्ति स्वयं पंजीकृत होकर अपने दस्तावेज का पंजीयन अथवा ई-स्टाम्प जारी कर सकता है। राज्य सरकार ने इसकी प्रक्रिया को बहुत सरलीकृत कर दिया है। अब दस्तावेजों के पंजीयन के लिये कार्यालय आने अथवा सेवा प्रदाता की सेवाएं लेने की आवश्यकता नहीं रही है।

संपदा 2.0 पोर्टल में पंजीयन कार्य करने वाले पक्षकारों की “आधार” बेस्ड ई-केवायसी होगा। इसमें पेन कार्ड का सत्पापन आयकर विभाग के इंटीग्रेटेड सिस्टम पर आधारित होगा। संपत्ति की पहचान यूनिक आईडी से की जा सकेगी। संपत्ति की जियो मैपिंग के आधार पर ही गाइडलाइन दर निर्धारित होगी। इस आधार पर स्वत: ही संपत्ति का मूल्यांकन हो जायेगा। इस सॉफ्टवेयर में ऑटोमेटिक प्रारूप आधारित लेखन की व्यवस्था की गई है। शुल्कों के भुगतान के लिये संपदा वॉलेट मौजूद है। समस्त भुगतान सायबर ट्रेजरी या संपदा वॉलेट से सिंगल क्लिक द्वारा किया जा सकता है। पोर्टल में दस्तावेजों के निष्पादन की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल हस्ताक्षर आधारित किया गया है। ई-हस्ताक्षर के साथ ऑटोमेटिकली पक्षकारों का फोटो अटैच होने संबंधित प्रबंध भी सॉफ्टवेयर में किया गया है।

पंजीयन कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं

संपदा 2.0 में चयनित दस्तावेजों के लिये फेसलेस पंजीयन का विकल्प भी उपलब्ध है। इसमें पंजीयन कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। दस्तावेजों के इलेक्ट्रॉनिकली प्रेजेन्टेशन एवं वर्चुअल फाइनल करने की सुविधा के साथ कार्यवाही के प्रमाणीकरण के लिये ओटीपी की सुविधा भी दी गई है। इसमें पंजीयन, रिटर्न, रिफ्यूजल की सुविधा भी इलेक्ट्रॉनिकली उपलब्ध है। यह पक्षकारों को वीडियो केवायसी से पंजीयन सुविधा भी देता है। इसमें दोनों मोड (असिस्‍टेड एवं नॉन असिस्टेड) उपलब्ध है। पंजीकृत दस्तावेजों का केवल इलेक्ट्रॉनिक संस्करण ही संधारित किया जायेगा।

संपत्ति की पहचान यूनिक आईडी-नक्शे से

संपदा 2.0 पोर्टल में पक्षकार स्वयं या सेवा प्रदाता के सहयोग से संपत्ति का पंजीयन कर सकता है। इसमें खरीदी या बेचे जाने वाली संपत्ति की पहचान संबंधित विभाग द्वारा प्रदत्त यूनिक आईडी तथा नक्शे पर चिन्हांकित संपत्ति से की जाती है। पक्षकारों की पहचान “आधार” बेस्ड ई-केवायसी से होती है। पोर्टल में चयनित दस्तावेज के आधार पर विलेख स्वत: तैयार होता है। विलेख के प्रारूप पर इलेक्ट्रॉनिकली सहमति के बाद शुल्क का ऑनलाइन भुगतान होता है। इसके बाद “आधार” बेस्ड ई-साईन या डिजिटल साइन के द्वारा ऑनलाइन ही दस्तावेजों का निष्पादन हो होता है।

इस तरह काम करती है यह सुविधा

संपदा 2.0 पोर्टल में पंजीकरण के लिये 3 विकल्प (पारंपरिक रूप से कार्यालय में उपस्थित होकर, फेसलेस पंजीयन और रिमोट पंजीयन) उपलब्ध कराये गये है। पंजीयन के लिये सुविधा अनुसार कार्यालय में आने के लिये स्लॉट आरक्षित कर सकते है। फेसलेस और रिमोट पंजीयन में एआई आधारित वीडियो केवायसी से प्रत्येक पक्षकार की पहचान एवं लाइवलीनेस चेक किया जा सकता है। इसके द्वारा समस्त स्व-घोषणाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग होती है। इसमें भी नॉन असिस्टेड विकल्प की स्थिति में ऑनलाइन प्रेजेन्टेशन होता है। पंजीयन के लिये स्लॉट बुकिंग के लिये असिस्टेड विकल्प की स्थिति में वर्चुअल इंटरेक्शन के लिये स्लॉट आरक्षण की सुविधा उपलब्ध है।

लाभाथियों ने साझा किये अपने अनुभव

पंजीयन विभाग की संपदा 2.0 लागू होने के बाद विभिन्न जिलों के लाभार्थियों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए इसे सुविधाजनक बताया है। गुना के विष्णु प्रसाद बशैंया ने अनुभव साझा किया कि पूरा काम ऑनलाइन और पहले से अधिक व्यवस्थित रूप से हुआ है। गुना की सुश्री अंकिता ने बताया कि संपदा 2.0 से कम समय में बेहतर तरीके से काम हो जाना संभव हो गया है। मुझे तुरंत दस्तावेज मेरे मोबाइल पर प्राप्त हो गये है। इसी तरह का अनुभव रतलाम के राकेश पाटीदार का भी रहा। उन्होंने दुकान की रजिस्ट्री संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर से कराई जिसमें गवाह की आवश्यकता भी नही पड़ी और कोई परेशानी नहीं आई। साथ ही रजिस्ट्री भी मोबाइल पर हाथों हाथ प्राप्त हो गई।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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