MP Cold Alert : मध्यप्रदेश में इन दिनों उत्तर की ओर से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण कड़ाके की ठंड का दौर चल रहा है। ठंड मानो सारे रिकॉर्ड तोड़ने पर आमादा हो गई है। बीती रात प्रदेश के पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं कई जिले शीतलहर की चपेट में हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी कई जिलों में शीतलहर और शीतल दिन रहने की चेतावनी दी है।
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार बीते 24 घंटों में भोपाल, राजगढ़, धार, खंडवा, (गिरवर) शाजापुर, शहडोल, जबलपुर, सिवनी, सागर, टीकमगढ़, गुना, रायसेन, सीहोर, कल्याणपुर (शहडोल), तालुन (बड़वानी), पृथ्वीपुर (निवाड़ी) में शीत लहर का प्रभाव रहा। वहीं पचमढ़ी (नर्मदापुरम) में तीव्र शीत लहर का प्रभाव रहा। भोपाल, धार, रतलाम, (गिरवर) शाजापुर, उज्जैन, सीधी, टीकमगढ़, बैतूल, रायसेन, तालुन (बड़वानी), पृथ्वीपुर (निवाड़ी). मरुखेड़ा (नीमच) में शीतल दिन रहा। राजगढ़, इंदौर में तीव्र शीतल दिन रहा।
तापमान में कितनी आई गिरावट
अधिकतम तापमान रीवा, शहडोल, सागर संभागों के जिलों में काफी गिरे एवं शेष सभी संभागों के जिलों के तापमानों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। वे भोपाल, उज्जैन संभागों के जिलों में सामान्य से विशेषरूप से कम रहे; इंदौर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, रीवा, शहडोल, सागर संभागों के जिलों में सामान्य से काफी कम रहे और जबलपुर संभाग के जिलों में सामान्य से कम रहे। न्यूनतम तापमान रीवा संभाग के जिलों में काफी गिरे एवं शेष सभी संभागों के जिलों के तापमानों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। वे भोपाल संभाग के जिलों में सामान्य से विशेष रूप से कम रहे; इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में सामान्य से काफी कम रहे: रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में सामान्य से कम रहे।
कहां, कितना तापमान हुआ रिकॉर्ड

बीती रात सबसे कम 1.8 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान पचमढ़ी में रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा शिवपुरी के पिपरसमा में 3.5, शाजापुर के गिरवर में 3.7, शहडोल के कल्याणपुर में 3.9 और रायसेन में 4.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सबसे अधिक न्यूनतम तापमान वाले स्थानों की भी हालत खराब रही। सागर में 8.9, आगर मालवा और सीधी में 9.2, नरसिंहपुर में 9.4, खरगौन व सिवनी में 10 तथा देवास के कन्नौद में 12.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा।
अधिकतम तापमान में भी गिरावट
दूसरी ओर अधिकतम तापमान में भी गिरावट आई है। सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान खरगौन में 28.8, खंडवा में 27.1, नरसिंहपुर में 26.8, सिवनी में 26 और नर्मदापुरम में 25.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
इन जिलों के लिए जारी की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए शीतलहर की चेतावनी जारी की है। इसके अनुसार राजगढ़, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, इंदौर, शाजापुर, टीकमगढ़, निवाड़ी जिलों में कहीं-कहीं शीत लहर और शीतल दिन की स्थिति रहेगी। नर्मदापुरम, खंडवा, बड़वानी, धार, आगर, गुना, शहडोल, जबलपुर, सिवनी, सागर जिलों में कहीं-कहीं शीतलहर चलेगी। बैतूल, हरदा, रतलाम, उज्जैन, देवास, मंदसौर, नीमच, सीधी, रीवा, सतना, उमरिया, पन्ना, छतरपुर जिलों में शीतल दिन रहेगा।
मौसम विभाग ने जारी की यह एडवायजरी
- शीत लहर के संपर्क में आने पर शीत से प्रभावित अंगों के लक्षणों जैसे कि संवेदनशून्यता, सफेद अथवा पीले पड़े हाथ एवं पैरों की उंगलियों, कान की तो तथा नाक की ऊपरी सतह का ध्यान रखें।
- शीत लहर के अत्यधिक प्रभाव से त्वचा पीली, सख्त एवं संवेदनशून्य तथा लाल फफोले पड़ सकते हैं। यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे गैंगरीन भी कहा जाता है। यह अपरिवर्तनीय होती है। अत: शीत लहर के पहले लक्षण पर ही चिकित्सक की सलाह से तथा तब तक अंगों को गरम करने का प्रयास करें।
- शीत लहर के प्रभाव से हाइपोथर्मिया हो सकता है। शरीर में गर्मी के हास से कंपकपी, बोलने में दिक्कत, अनिद्रा, मांसपेशियों में अकडन, सांस लेने में दिक्कत निश्वेतन की अवस्था हो सकती है। यह अत्यधिक गंभीर अवस्था है इसमें तत्काल चिकित्सीय सहायता ले।
- शरीर की गर्माहट बनाये रखने हेतु अपने सर, गर्दन, हाथ और पैर की उँगलियों को अच्छे से ढंके एवं पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे- दस्ताने, टोपी, मफलर, एवं जल रोधी जूते आदि पहनें।
- शीतलहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहे और कोशिश करें कि अतिआवश्यक हो ती ही बाहर यात्रा करें।
- इस समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जैसे- फ्लू सर्दी खांसी एवं चुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर चिकित्सक से संपर्क करें।
- पर्याप्त मात्रा में पौषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं करें। नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थ का अवश्य सेवन
- कोहरे में मौजूद कण पदार्थ और विभित्र प्रकार के प्रदूषक के संपर्क में आने पर फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होने, खांसी और सांस की समस्या बढ़ने की संभावना है। अत: नियमित व्यायाम करें व मास्क का प्रयोग करें।
कृषकों के लिए यह विशेष सलाह
- शीत लहर के दौरान प्रकाश और लगातार सिंचाई प्रदान करे। स्प्रिंकलर सिंचाई से शीत लहर के प्रभाव को कम करने में सहायता मिलेगी।
- शीत तहर के दौरान पौधों के मुख्य तने के पास मिट्टी को काली या चमकीली प्लास्टिक शीट, घास फूस या सरकंडे की पास से ढंके। यह विकिरण अवशोषित कर मिट्टी को ठंडी में भी गर्म बनायें रखता है कटाई के बाद फसल को 2-3 दिन तक खेत में स्थाना चाहिए और उसके बाद गहाई करनी चाहिए। भंडारण से पहले अनाज को सही नभी स्तर तक ठीक से सुखाया जाना चाहिए। पिछली फसल के सभी
- अनाज और अन्य भंडारण सामग्री को हटाकर गोदामों की ठीक से साफ किया जाना चाहिए।
- कोरडी फसलों के लिए सलाह दी जाती है कि सहकारी समितियों से उर्वरकों का अग्रिम उठाव करने के साथ-साथ उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीजों और अन्य आदान की व्यवस्था समय पर करें।