E-Bus In MP: मध्यप्रदेश के 6 बड़े शहरों में जल्द ही लोग ई-बस से सवारी कर सकेंगे। इन बसों का संचालन नगरीय निकायों द्वारा कंपनियों के जरिए किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने कंपनी की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। अगले 3 महीनों में बसों का संचालन शुरू करने की सरकार की तैयारी है।
प्रदेश सरकार द्वारा पीएम ई-बस योजना के तहत प्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर में ई-बसों का संचालन किया जाएगा। इन शहरों में कुल 582 चलाई जाएंगी। इनमें से 472 बसें 9 मीटर लंबाई की होंगी, जिनमें 32 सीट होंगी। वहीं 110 बसें 7 मीटर वाली होंगी, जिनमें 21 सीटें होंगी। भोपाल में 100, इंदौर में 150, जबलपुर, उज्जैन, और ग्वालियर में 100-100 और सागर में 32 ई-बसें चलाई जाएंगी।
जीसीसी मॉडल पर ई-बस संचालन (E-Bus In MP)
इन बसों का संचालन ग्रॉस कास्ट कॉन्ट्रेक्ट मॉडल (जीसीसी) पर किया जाएगा। इसमें इलेक्ट्रिक बस, ड्राइवर, कंडक्टर और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की ही रहेगी। सरकार केवल प्रति किलोमीटर के हिसाब से कंपनी को भुगतान करेगी। रोजाना कम से कम 180 किलोमीटर का भुगतान किया जाएगा।
टिकट का पैसा निकायों को जाएगा (E-Bus In MP)
ई-बसों के संचालन के लिए चार्जिंग स्टेशन और डिपो राज्य सरकार बनवाएगी। इसकी 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राशि राज्य को देना होगी। चार्जिंग गन, बसों का संचालन करने वाली कंपनी ही लगाएगी और बिजली बिल भी अदा करेगी। कुल 11 चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। वहीं टिकट एजेंसी संबंधित निकाय तय करेगी। टिकट का पैसा निकाय के पास जाएगा। इसी से बसों के संचालन का भुगतान होगा।
केंद्र से 12 साल तक मिलेगी राशि (E-Bus In MP)
ई-बसों के संचालन के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रति किलोमीटर के 22 रुपये दिए जाएगे। यह राशि अगले 12 साल दी जाएगी। बची हुई राशि किराए से कवर की जाएगी। यदि किराए से भी राशि कवर नहीं होती है तो उसका भुगतान संबंधित नगरीय निकाय करेगा। ई-बसों के संचालन का नियमित भुगतान होता रहे, इसके लिए भी केंद्र सरकार ने पुख्ता व्यवस्था बनाई है।